सप्ताहांत: धोनी – फिनिशर अभी फिनिश नहीं हुआ

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इंटरनैशनल क्रिकेट से अचानक रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। प्रशंसक हैरान थे और उदास दिल से अपने हीरो को भविष्य के लिए शुभकामना दी। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने खास पत्र लिखा और अपने लंबे पत्र में उन्होंने धोनी के हर एक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं

हर हादसे के बाद…

यद्यपि यह सही है कि आतंकवादी घटनाओं को छोड़कर कोई भी हादसा कोई जानबूझकर नहीं करता। लेकिन यह बात भी विचारणीय है कि हादसा हो जाने के बाद जो कमियां तुरंत सामने आती हैं, उन कमियों पर पहले क्यों नहीं ध्यान दिया जाता। जी हाँ, मेरा इशारा 7 अगस्त को केरल के कोझिकोड में हुई विमान दुर्घटना की ओर ही है। सीमा पर वीरों की शहादत के बाद “वीरों की

सप्ताहांत: क्या आपको पता है कि आप को सब कुछ पता है?

मैं आज अपनी बात शुरू करुँ, उससे पूर्व मैं सभी सुधी पाठकों, शुभचिंतकों व अपने उन मित्रों का आभार प्रकट करना चाहता हूँ जो सप्ताहांत पढ़ने के उपरांत मुझे फोन करके या मेरे व्हाट्सएप पर या मेरे फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं और उत्साहवर्धन करते हैं। मैं ज्यादा कहूंगा तो आत्मप्रशंसा ही माना जाएगा। बस इतना अवश्य कहना चाहता हूँ कि बहुत लोग सप्ताहांत की प्रतीक्षा करते हैं, ऐसा

कभी कभी ऐसा भी हो जाता है

एक बड़े बाबा देश के एक नामी चैनल पर आज सुबह डायबिटीज कम करने का लाइव सेशन चला रहे थे और दावा कर रहे थे कि आधे घंटे में डायबिटीज कम हो जाएगी। इसके लिए उन्होंने पहले अपनी और अपने 2 शिष्यों की डायबिटीज चेक की। उनकी 96 उनकी शिष्या की 178 व शिष्य की 297 रही। आधा घंटे के योग कार्यक्रम के बाद जब डायबिटीज चेक की गई तो

सप्ताहांत: ऐसे कैसे काम चलेगा यूपी में

उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं का ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। कुछ घटनाओं में पुलिस की संलिप्तता से उत्तर प्रदेश प्रशासन, शासन व पुलिस की छवि निश्चित रूप से धूमिल हुई है। कानपुर में एक व्यक्ति के अपहरण और उसकी रिहाई में 30 लाख की फिरौती का जो कांड हुआ उसने भी पुलिस व अपराधियों के नापाक गठजोड़ की ओर वैसे ही इंगित किया है जैसा बिकरू में

सप्ताहांत: ऑनलाइन शिक्षा व बच्चों में संस्कारों का हनन

कोरोना, भारत-चीन सीमा विवाद, विकास दुबे और राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बीच हम एक ऐसे विषय को भूल गए जो इस समय बहुत प्रासंगिक है। वह है बच्चों में नीति व सांस्कृतिक संस्कारों का पोषण। लॉक डाउन की वजह से व बाद में अनलॉक डाउन के समय में भी छोटे बच्चों को एवं बड़े विद्यार्थियों को भी ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऑनलाइन शिक्षा का जितना लाभ है

आप को कोरोना कैसे हुआ हे महामानव

आम जनता से लोगों को बहुत शिकायत रहती है कि कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, मास्क नहीं लगा रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं, बाजारों में ऐसे ही घूम रहे हैं, साबुन से हाथ नहीं धो रहे हैं, सामान को सैनिटाइजर नहीं कर रहे हैं, आदि आदि। लेकिन जब उन लोगों को कोरोना होता है जो अभेद्य सुरक्षा चक्र में रहते हैं,

अब और कोई विकास दुबे पैदा न हो

एक दुर्दांत विकास का तो अंत हो गया अब ऐसा कुछ करना होगा कि कोई और विकास दुबे पैदा न हो। इसके लिए सरकार को, पुलिस को, राजनीति नेताओं को और हम सब को भी सतर्क रहना होगा। जिम्मेदारी सभी की समान ही है।

सप्ताहांत: कोरोना और राष्ट्र के दुश्मनों पर निर्णायक प्रहार का समय है

यह सप्ताह दो घटनाओं से परिपूर्ण रहा। एक तो भारत-चीन सीमा पर हलचल और दूसरा बाबा रामदेव द्वारा कोरोना की तथाकथित दवा कोरोनिल की लॉन्चिंग। महत्वाकांक्षा होना अच्छी बात है, लेकिन अति महत्वाकांक्षा कभी-कभी असफलता का चेहरा दिखा देती है। बाबा रामदेव ने कोरोनिल को कोरोना की दवा बता कर लांच किया, उनके साथ शायद ऐसा ही हुआ। आयुर्वेद में सभी बीमारियों का इलाज है, लेकिन शायद उन्हीं बीमारियों का