सीनियर केनराइट्स स्थापना दिवस

गाज़ियाबाद में केनराबैंक के अवकाश प्राप्त अधिकारियों की संस्था सीनियर केनराइट्स ने 12 जनवरी को अपने स्थापना दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि मासूम गाजियाबादी ने की। जाने माने कवि व ग़ज़ल गो सुरेंद्र शर्मा, राज कौशिक, सार्थक शर्मा, अनिमेष शर्मा, भगत राम के साथ मुझे भी काव्यपाठ का अवसर प्राप्त हुआ। रोटरी क्लब के सभागार में आयोजित इस भव्य द्वितीय स्थापना समारोह में

इन हत्याओं का जिम्मेवार कौन?

हाहाकार मचा हुआ है, रोंगटे खड़े हो रहे हैं, चीत्कार और सिसकियों की आवाज से दिल दहल रहे हैं, देखने सुनने वालों की आत्मा क्रंदन कर रही है, परंतु राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की जुबान से वही रटे रटाये जुमले निकल रहे हैं-दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, किसी को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे जितना प्रभावशाली हो, जांच के आदेश दे दिए गए हैं, मुआवजे की घोषणा कर दी गई है,

सप्ताहांत: यह धुंध कब छटेगी?

यह पूरा सप्ताह वातावरण में छाई धुंध को ही समर्पित हो गया। धुंध क्यों छाई है, इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं, उपाय किए गए या नहीं किए गए, दिल्ली में ओड ईवन और स्वास्थ्य इमरजेंसी, पंजाब हरियाणा में पराली का जलना आदि आदि जितने सारे विषय थे सब धुंध के इर्द गिर्द ही घूमते रहे। धुंध दो शब्दों के मेल से बनी है – धुंआ (Smoke) और कोहरा (Fog) =

राजधानी दिल्ली में आगरा के साहित्यकारों का सम्मान

आगरा। आगरा के साहित्यकारों ने दिल्ली में एक बड़े साहित्यिक कार्यक्रम में भाग ले कर आगरा शहर का नाम रोशन किया। अवसर था राष्ट्रीय स्तर की संस्था ‘आगमन’ के सप्तम स्थापना दिवस पर आयोजित पुस्तक विमोचन, सम्मान व काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का। नेहरू नगर स्थित डी ए वी कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में आगरा के साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर गुप्ता, अलका अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, ज्ञानेश शर्मा व शरद अग्रवाल ने

सप्ताहांत – बैंकों का विलय और राष्ट्रपति भवन की शान

#स्वराज्य_टाइम्स, 01 सितम्बर, 2019 इस सप्ताह जिन दो खबरों ने मुझे ज्यादा प्रभावित किया वह हैं अर्जुन पुरस्कारों का वितरण व बैंकों के विलयन की घोषणा। या यों कहिए कि ये दोनों विषय कुछ कुछ मुझ से जुड़े हुए हैं इसलिए मैं अधिक अधिकार से लिख सकता हूँ। जुड़े हुए से तात्पर्य है कि अर्जुन पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में वितरित किए गए,मुझे राष्ट्रपति भवन की गरिमा, शालीनता, अनुशासन बहुत प्रिय