त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र?

भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं, गाँधी जयंती, स्वतँत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। 26 जनवरी को सारा राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। मैं शुरू से ही इस बात का पक्षधर हूँ कि राष्ट्रीय पर्वों पर अपने गौरवशाली इतिहास को याद किया जाए, अच्छे माहौल में धूमधाम से मनाया जाए जैसे हम धार्मिक पर्वों व अपने व्यक्तिगत दिवस मनाते हैं। परँतु आज आए एक समाचार ने सारे उत्साह

सप्ताहांत: ऐसी खुशी किस काम की

एक जनवरी को सुबह जब घर के दरवाजे को खोला तो सामने गोमाता अपने बछड़े के साथ खड़ी दिखाई दे गई।गोमाता के प्रातःकालीन दर्शन, वह भी नव वर्ष के पहले दिन, मन मस्तिष्क में अपार खुशी का संचार हो गया।इतनी प्रसन्नता हुई जैसे सारे संसार के सुख मिल गए हों। यह सत्य घटना है और इसका वर्णन केवल इस बात को रेखांकित करने के लिए किया है कि खुशी बाहर

सप्ताहांत: आखिर आप क्या क्या बंद करेंगे

सतर्कता मूलक उपाय के रूप में पहली बार जब उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था तो इसका हमने बीमारी से निज़ात पाने के लिए एक कड़वी दवा के रूप में स्वागत किया था। हालांकि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में इंटरनेट पर रोक से होने वाली परेशानियों व आर्थिक क्षति के बारे में काफी कुछ कहा गया।पर इस वृहस्पतिवार को जब दूसरी बार पुनः

सप्ताहांत: इस आग को फैलने से जल्दी रोको

आग आग होती है, फिर वो हवन की हो या मँदिर में जल रहे दीपक की, भूख की, वासना की, हिंसा की, प्रतिशोध की, जंगल की, जब अपनी सीमा लाँघ जाती है तो हाथ जलाती है, तन जलाती है, अत्याचार को बढ़ावा देती है और कभी कभी पूरे परिवार को जला कर राख कर देती है, समाज और देश को तबाह कर देती है। आजकल यही आग हमारे देश के

सप्ताहांत – नज़रिया सब का अपना-अपना: हवा हो गया सबके साथ का सपना

स्वराज्य टाइम्स, 15 दिसंबर, 2019 देश में इतना संवेदनशील वातावरण शायद ही पहले कभी रहा हो। हर बात को लोग अपने अपने नजरिये से देख रहे हैं, वैसे ही उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। अफवाहों का बाजार गर्म है। भ्रांतियों ने कुछ क्षेत्रों में युवाओं को उग्र कर दिया है जो हिंसा पर उतारू हैं। यह सही है कि कोई सरकार या कोई भी सत्ताधारी राजनीतिक दल कोई

एक बार फिर सेब से ज्यादा महंगी हुई प्याज: दिसंबर के पहले सप्ताह तक बढ़ेंगे भाव

आगरा में प्याज के भाव एक बार फिर सेब से भी ज्यादा महंगे हो गए हैं। पिछले एक सप्ताह में प्याज के थोक दाम करीब 10₹ बढ़े हैं तो खुदरा प्याज 60₹ किलो से बढ़ कर 80₹ किलो तक पहुंच गई है। जबकि सेब अभी 60 से 70₹ प्रति किलोग्राम के भाव से बिक रहा है। दीपावली से पूर्व थोक में प्याज 30 से 35 ₹ किलो और खुदरा में

सप्ताहांत: यह धुंध कब छटेगी?

यह पूरा सप्ताह वातावरण में छाई धुंध को ही समर्पित हो गया। धुंध क्यों छाई है, इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं, उपाय किए गए या नहीं किए गए, दिल्ली में ओड ईवन और स्वास्थ्य इमरजेंसी, पंजाब हरियाणा में पराली का जलना आदि आदि जितने सारे विषय थे सब धुंध के इर्द गिर्द ही घूमते रहे। धुंध दो शब्दों के मेल से बनी है – धुंआ (Smoke) और कोहरा (Fog) =

प्याज ने निकाले गरीबों के आंसू

आगरा में प्याज ने गरीबों के आंसू निकाल दिए हैं। प्याज और हरीमिर्च से रोटी खा कर पेट भरने वाले मजदूरों व सड़क के किनारे रह कर गुजर बसर करने वालों के लिए प्याज अब दुर्लभ वस्तु हो गई है। शहर में अच्छा सेब 80 से 100 रुपए तक मिल जाता है और प्याज का भाव भी सेब की बराबरी करतें हुए 80 रुपयों तक पहुंच गया है, और लगता

कार-बेकार हुईं : मंदी के अलावा कुछ और भी हैं कारण

कारों की बिक्री में लगातार हो रही गिरावट की खबरों के बीच जब अचानक मारुति सुजुकी ने अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट में 7 और 9 सितंबर को यात्री वाहनों का उत्पादन बंद रखने की घोषणा की तो लोगों को इस बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर होना पड़ा। बिक्री में गिरावट की वजह से मारुति ने पिछले 7 महीने में भी प्रोडक्शन घटाया था। कंपनी ने अगस्त में

सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति : कुछ विकल्प तो हो

आगरा शहर सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए कटिबद्ध हो रहा है। अनेक सामाजिक व पर्यावरण संस्थाओं ने इस संबंध में मुहिम चला रखी है। आगरा में रामलीला महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली जनकपुरी के आयोजकों ने जनकपुरी के 3 दिवसीय समारोह को प्लास्टिक फ्री रखने का निर्णय किया है। आगरा में 11 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित होने जा रहे वृहद पुस्तक मेले व साहित्योत्सव