सप्ताहांत: योग, गौरव और नमन का दिन

यह सप्ताह बहुत गहमागहमी भरा और अनेक घटनाओं से परिपूर्ण रहा। सप्ताह के प्रारंभ में फिल्म अभिनेता सुशांत की विषम परिस्थितियों में आत्महत्या, फिर भारत चीन सीमा विवाद में हमारे बीस वीर जवानों की शहादत इस सप्ताह की प्रमुख घटनाएँ रहे ।इसके अतिरिक्त आज रविवार को योग दिवस, मित्र दिवस व इस साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण दिवस है। इस प्रकार यह सप्ताह दुख, शोक, गौरव, नमन, हवन पूजन

सप्ताहांत: कोरोना के साथ जीना सीखना है मरना नहीं

1 जून से अनलॉक-1 शुरू होने के साथ ही ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कोरोना भी अनलॉक हो गया हो। शुक्रवार 05 जून को इन पंक्तियों के लिखने के पिछले 24 घण्टों में देश में कोरोना के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है। विगत 24 घंटे में 9 हजार 851 नए मामलों की पुष्टि हुई और 273 लोगों की मौत हुई है।अब देश में कुल मरीजों की संख्या 2

संस्थान संगम की ऑनलाइन काव्यगोष्ठी

कोरोना के योद्धाओं को नमन, अभिनंदन,मजदूरों की दशा पर चिंता आगरा। साहित्यिक संस्था संस्थान संगम के तत्वावधान में ऑनलाइन ऑडियो कविगोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा रामू भैया ने की। मुख्य अतिथि थे दिल्ली के कर्नल प्रवीण त्रिपाठी। गोष्ठी में अमेरिका से डॉ शशि गुप्ता सहित बैंगलोर, कोटा, ग्वालियर, दिल्ली, मेरठ, भोपाल, आगरा के 50 से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया। गोष्ठी का

सप्ताहांत: बहुत फायदे है खुद काम करने के

“हाय राम! जरा देखना कितना कूड़ा है दीवान के नीचे, बाई को कितनी बार बोला है जरा झाडू से अंदर तक सफाई किया कर, पर सुनती ही नहीं है। इधर उधर दो चार हाथ मारे, बस हो गया काम। धीरे-धीरे ही सही, आज खुद मैं ही कर लेती हूँ पूरे घर की सफाई।” लॉकडाउन के दौरान जब बाई को छुट्टी दे दी, यह उस दिन का वाकया है। और अब

सप्ताहांत: कोरोना के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे ये योद्धा

“जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहींकाम करने की जगह बातें बनाते हैं नहींआज कल करते हुए जो दिन गँवाते हैं नहींयत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहींबात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिएवे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए ।” सुप्रसिद्ध कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध ने इन पंक्तियों की रचना करीब 75 वर्ष पूर्व की थीं परंतु आज भी कोरोना के

प्रधानमंत्री का नया सूत्र: “वयं राष्ट्रे जागृयाम”…

3 मई तक लौकडाउन बढ़ाने की घोषणा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यजुर्वेद की एक सूक्ति “वयं राष्ट्रे जागृयाम” को उद्धृत करते हुए कहा “पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। जहां हैं वहां रहें, सुरक्षित रहें। “वयं राष्ट्रे जागृयाम” यानी हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।” यह पूरी उक्ति है वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता:।” यजुर्वेद के नवें अध्याय के

संपूर्ण देश करबद्ध आपका करता है सादर अभिनंदन

लॉकडाउन का करो पालनसतर्क रहो और सावधान,राष्ट्ररक्षकों का भी करना हैहम सब को पूरा सम्मान।हे राष्ट्ररक्षको राष्ट्रवीरो!आपकी कर्तव्यनिष्ठा को नमन,आप सजग हो, आप जागृत होतभी सुरक्षित है जन-जन।कोरोना के विरुद्ध युद्ध मेंसबसे आगे आप खड़े होसंपूर्ण देश करबद्ध आपकाकरता है सादर अभिनंदन।कोरोना का असर है जब तकघूमो न फिरो स्वच्छंद,नमस्ते करो करबद्ध हो करहाथ मिलाना कर दो बंद।मेड इन चाइना बीमारी हैज्यादा नहीं चलेगी,गले मिलना छोड़ दो तोगले नहीं पड़ेगी।सही

सप्ताहांत: रहिमन विपदा हू भली, जो थोरे दिन होय

महाभारत का एक प्रसंग अनायास ही स्मृति पटल पर आ गया। महाभारत की प्रचलित कथाओं में से एक के अनुसार युद्ध खत्म होने के बाद श्री कृष्ण जब द्वारिका लौटने लगे तो भारी मन से पांडव अपने परिवार के साथ भगवान कृष्ण को नगर की सीमा तक विदा करने आए। सब की आँखों में आँसू थे। भगवान एक-एक करके अपने सभी स्नेहीजनों से मिल रहे थे। अंत में अपनी बुआ

पंद्रह अप्रैल का सूर्य उगेगा नव उमंग-उत्साह लिए

कोरोना कोरोना कोरोनासारे दिन बस एक ही रोना,छोड़ो भी बस बहुत हो गयाअब कोई और बात करो ना। ताली-थाली-दिया टोटकोंसे भी नहीं बन रहा काम,घर के अंदर बंद रह करभज रहे बस प्रभु का नाम। कर्मशील, कर्मठ भारतवासीनाकारा रह सकते नहीं,पर लौकडाउन के नियमों सेचाह कर भी बच सकते नहीं। पंद्रह अप्रैल का सूर्य उगेगानव उमंग-उत्साह लिए,एक-एक दिन यूँ ही कट रहाजैसे आजादी की चाह लिए। भाग कोरोना भाग जल्दीबहुत