क्या कहता है गुपकार का उभार?

कश्मीर में गुपकार के उभार ने एक खतरनाक संकेत दिया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां पहली बार डीडीसी चुनाव हुए। आठ चरण में 280 सीटों पर 51.42 प्रतिशत मतदान हुआ। इनमें विशेषकर कश्मीर में गुपकार ने जो मजबूती दिखाई है उससे सिद्ध होता है कि भाजपा की रणनीति विफल हो गई। डीडीसी चुनाव की घोषणा से पूर्व कश्मीर के ज्यादातर नेता जेल में थे। जेल

सप्ताहांत: एग्जिट पोल – मतदाता की नब्ज पर कमजोर पकड़

बिहार में हाल में संपन्न चुनावों में एग्जिट पोल की विफलता ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि आजकल मतदाता बहुत होशियार हो गया है और उसके मन की बात को उगलवाना आसान नहीं रह गया है। विशेषकर युवा व महिला मतदाताओं को समझना अब मुश्किल है। 07 नवंबर को मतदान का आखिरी चरण खत्म होते ही एग्जिट पोल की बाढ़ सी आ गई। हिंदी व अंग्रेजी

सप्ताहांत: लोक संवाद में भाषा का गिरता स्तर

बिहार में आजकल विधानसभा चुनाव व कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं। चुनावी भाषणों में नेता मर्यादा की सीमा लाँघने में लगे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे अभद्र व असंसदीय भाषा बोलने की प्रतियोगिता चल रही हो। इस संबंध में एक पुराना छोटा प्रसंग याद आ रहा है – एक बार एक राजा अपने सेनापति और सिपाही के साथ शिकार करने जंगल में गए। लेकिन अंधेरा होने पर

सप्ताहांत: चुनाव प्रचार में बदजुबानी कैसे रुके

दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए कल मतदान पूरा हो चुका है, 11 फरवरी को परिणाम भी आ जाएंगे। परँतु हर चुनाव की भाँति इन चुनावों में भी आरोप-प्रत्यारोप और बदजुबानी पराकाष्ठा पर रही। जूते मारो, गोली मारो, हिंदुस्तान-पाकिस्तान, करंट लगाओ से ले कर प्रधानमंत्री को डंडा मारो तक बात पहुँच गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी सभा में प्रधानमंत्री के लिए जिस भाषा, लहजे और शब्दों का प्रयोग किया