साहित्यकार स्व. सर्वज्ञ शेखर गुप्ता की पुस्तक “मेरे इक्यावन अभिमत” का विमोचन

साहित्यकार स्व. सर्वज्ञ शेखर गुप्ता की पुस्तक “मेरे इक्यावन अभिमत” का विमोचन उत्तराखंड की महामहिम राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य जी ने किया.. विमोचन समारोह (वर्चुअल) समारोह की कुछ झलकियाँ Media Coverage

सप्ताहांत: रहिमन पानी राखिए

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।पानी गए न उबरै, मोती मानुष चून ।। जिस समय रहीमदास जी ने इस दोहे की रचना की थी, उनको कल्पना भी न होगी कि इक्कीसवीं सदी में उनकी लिखी पँक्तियाँ इतनी महत्वपूर्ण हो जाएंगी। जल संरक्षण के प्रति उदासीनता ने पीने योग्य स्वच्छ जल की इतनी कमी कर दी है कि पूरा विश्व इस विषय को ले कर चिंतित है।संयुक्त राष्ट्र के

भूल न जाना होली की ठिठोली में

रंगों की उड़ेगी बौछारघूमेंगे हुरियारी टोली मेंअबीर गुलाल की होगी बहारहोली की मस्त ठिठोली मेंभीगेंगे पानी में हमसबरंग बरसेगा चोली में गले मिलना शिकवे मिटानाभूल न जानाहोली की ठिठोली में खूनी होली खेल रहेआतंकी पड़ोस से आ केशहीद हो रहे सपूत भारत माँ केछाती पर गोली खा केतोप चलाओ मिसाइल दागोकुछ नहीं रखा वार्ता बोली में लेना है भीषण बदला उनसेभूल न जानाहोली की ठिठोली में जो भी दीखे लाचारगरीब

रंगों में सब से पावन रंग तिरंगा

रंगों का त्योहार है होली, अजब- गजब हैं इसके रंग,हर रंग की है अलग कहानी, सुनो आज आप मेरे संग । धूमधाम से पर्व मनाओ, लगाओ रंग नीला पीला लाल,मस्तक पर हो चंदन सुरभित, रंगों से सजे हों गाल। श्वेत रंग है प्रतीक शांति का, इस रंग से सब रंग जाओ,गले मिलो प्रेम प्यार से, झगड़े पुराने भूल जाओ। लाल रंग है जोश प्रेम का, पीले से मिलती नव ऊर्जा,नारंगी

सप्ताहांत: बुरा जरूर मानो, होली है

“बुरा न मानो होली है” का उद्घोष कब शुरू हुआ, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। पर होली पर बुरा न मानो की बात दशकों से कही जा रही है। प्राचीन काल में मनोरंजन के साधन कम थे। विभिन्न पर्व, त्योहार आध्यात्मिक संस्कारों के प्रतीक तो होते ही थे, आमोद-प्रमोद, हास-परिहास का भी माध्यम होते थे। होली का पर्व ऐसा ही है जब बुरा न मानो के नाम पर हुल्लड़बाजी,

सप्ताहांत: हर्ष फायरिंग का विषाद

आगरा के एत्मादपुर में हाल ही में एक शादी समारोह में हर्ष फायरिंग की घटना सामने आने से यह सिद्ध हो गया है कि कानून बन जाने के बावजूद इस प्रकार की घटनाएँ रुक नहीं रही हैं। नाम तो है हर्ष फायरिंग लेकिन हर्ष को विषाद और खुशी को मातम में बदल देने वाली हर्ष फायरिंग कड़े कानून और अकाल मौतों की घटनाओं के बावजूद कम होने का नाम नहीं

सप्ताहांत: कम से कम वित्तमंत्री को चिंता तो हुई

पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों से जनता में बढ़ते रोष ने लगता है सरकार को भी अब कुछ सोचने को विवश कर दिया है। सरकार की चिंता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान से परिलक्षित होती है जो उन्होंने शनिवार 20 फरवरी को चेन्नई में दिया। उन्होंने कहा कि ये एक अफसोसजनक व गंभीर मुद्दा है जिसमें कीमतें कम करने के अलावा कोई भी जवाब किसी को संतुष्ट नहीं

गणतंत्र पर भीड़तंत्र का शर्मनाक कृत्य

2021 का गणतंत्र दिवस मस्तक उन्नत करने की बजाए सर को शर्म से झुकाने के लिए भारी मन से याद किया जाएगा। 26 जनवरी को दिल्ली में विशेषकर लालकिले पर जो दुर्भाग्यशाली घटनाएँ हुईं वह शर्मसार करने वाली हैं, प्रत्येक देशभक्त का खून खौलाने वाली हैं।अभी तक विश्वास नहीं हो पा रहाकि कोई भारतीय ऐसा भी कर सकता है। भारत की आन बान शान की पहचान लालकिले पर अशोभनीय ढंग

सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. उषा यादव को पद्मश्री

आगरा की गौरव, सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. उषा यादव को पद्मश्री अवार्ड के लिए चयन होने पर आज संस्थान संगम पत्रिका की ओर से उनका अभिनंदन किया गया। पत्रिका की समन्वयक डॉ शशि गोयल, संपादक डॉ अशोक अश्रु, कार्यकारी संपादक सर्वज्ञ शेखर ने डॉ उषा यादव के आवास पर उनको पुष्पगुच्छ, मणि माला व अंगवस्त्र से सम्मानित किया।डॉ यादव ने संस्थान संगम परिवार के प्रति आभार प्रकट किया व धन्यवाद स्वरूप

बीमार भारत को वैक्सीन देने वाला बजट

कोरोना महामारी ने भारत के नागरिकों को ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बीमार कर दिया है। 01 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2021 रोगियों व बीमार अर्थव्यवस्था को योजनाओं की वैक्सीन से निरोगी करने की दशा में किया जाने वाला प्रयास है। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9

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