कोविड से भी ज्यादा भीषण वायु प्रदूषण

हमारे देश में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण व उसके दुष्प्रभाव ने एक बार फिर चिंतित कर दिया है। एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट (लैंसेट प्लेटनरी हेल्थ रिपोर्ट) ने खुलासा किया है कि सिर्फ वायु प्रदूषण से वर्ष 2019 में 16.7 लाख भारतीयों की मौत हो चुकी है। यह कुल मौतों का 18 फीसदी है। हालांकि सरकारें प्रदूषण से लड़ने के लिए तमाम तरह की योजनाओं और कार्यक्रमों की बातें कहती

सप्ताहांत: रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ

सप्ताहांत की 100वीं कड़ी आज मैं बहुत खुश हूँ आपके प्रिय स्तंभ सप्ताहांत की श्रंखला का 100 वाँ लेख प्रस्तुत करते हुए। आप सभी पाठकों, शुभचिंतकों व प्रिय स्वराज्य टाइम्स के संपादक मंडल के स्नेहवश ये 100 सप्ताह कब व्यतीत हो गए पता भी नहीं लगा। 100 सप्ताह बहुत ज्यादा नहीं होते तो कम भी नहीं हैं। यदाकदा उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों के बावजूद सप्ताहांत का निरंतर और अनवरत प्रकाशन

सप्ताहांत: यह धुंध कब छटेगी?

यह पूरा सप्ताह वातावरण में छाई धुंध को ही समर्पित हो गया। धुंध क्यों छाई है, इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं, उपाय किए गए या नहीं किए गए, दिल्ली में ओड ईवन और स्वास्थ्य इमरजेंसी, पंजाब हरियाणा में पराली का जलना आदि आदि जितने सारे विषय थे सब धुंध के इर्द गिर्द ही घूमते रहे। धुंध दो शब्दों के मेल से बनी है – धुंआ (Smoke) और कोहरा (Fog) =

आकाशवाणी ने आयोजित की परिचर्चा: “प्लास्टिक_को कहो ना”

आगरा। “प्लास्टिक को कहो ना”, इस ज्वलंत विषय पर आकाशवाणी आगरा ने एक परिचर्चा का आयोजन किया। परिचर्चा में पर्यावरण, स्वच्छ भारत व ग्राम संरक्षण से सम्बद्ध विद्वजनों ने भाग लिया। ये हैं श्री राजीव कुमार राठी, पर्यावरण अभियंता नगर निगम आगरा, श्री दिवाकर तिवारी, सचिव जलाधिकार फाउंडेशन, प्रीति माहेश्वरी, ब्रांड एम्बेसडर स्वच्छ भारत अभियान, नगर निगम अलीगढ़ व साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर ने। परिचर्चा का निर्देशन किया आकाशवाणी के निदेशक

पहचानिए डेंगू के मच्छर और बुखार को और जानिए बचाव के उपाय

बारिश के पानी के जमाव व गंदगी की वजह से आजकल मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर और गांवों में तमाम जगह पानी भरा हुआ है और वहां मच्छर पनप रहे हैं। इसकी वजह से डेंगू और मलेरिया का खतरा मंडरा है। मच्छरों के हमले ने लोगों को बीमार कर दिया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा वायरल फीवर के मरीज हैं। इनको

सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति : कुछ विकल्प तो हो

आगरा शहर सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए कटिबद्ध हो रहा है। अनेक सामाजिक व पर्यावरण संस्थाओं ने इस संबंध में मुहिम चला रखी है। आगरा में रामलीला महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली जनकपुरी के आयोजकों ने जनकपुरी के 3 दिवसीय समारोह को प्लास्टिक फ्री रखने का निर्णय किया है। आगरा में 11 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित होने जा रहे वृहद पुस्तक मेले व साहित्योत्सव