सप्ताहांत: रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ

सप्ताहांत की 100वीं कड़ी

pollution

आज मैं बहुत खुश हूँ आपके प्रिय स्तंभ सप्ताहांत की श्रंखला का 100 वाँ लेख प्रस्तुत करते हुए। आप सभी पाठकों, शुभचिंतकों व प्रिय स्वराज्य टाइम्स के संपादक मंडल के स्नेहवश ये 100 सप्ताह कब व्यतीत हो गए पता भी नहीं लगा। 100 सप्ताह बहुत ज्यादा नहीं होते तो कम भी नहीं हैं। यदाकदा उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों के बावजूद सप्ताहांत का निरंतर और अनवरत प्रकाशन होता रहा। इस दौरान मुझे पाठकों की प्रशंसा के अनेक संदेश प्राप्त हुए तो अनेक सुझाव व कभी कभी आलोचना भी मिलीं। उन सभी को मैंने खेल भावना से स्वीकार किया। मैं आप सभी का कृतज्ञ हूँ।

इस 100 वीं कड़ी में प्रस्तुत है प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा।

विश्व में सूक्ष्म प्रदूषण के उच्चतम स्तर का सामना कर रहे 200 शहरों में से करीब 90 फीसदी शहर चीन और भारत के हैं।

‘आईक्यूएयर ग्रुप’ और ‘ग्रीन पीस’ की ओर से संयुक्त रूप से जारी की गई 2019 विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक आबादी के लिहाज से बांग्लादेश पीएम 2.5 प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। उसके बाद पाकिस्तान, मंगोलिया, अफगानिस्तान और भारत का नंबर आता है।

रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है, उसके बाद भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का स्थान आता है, तीसरे स्थान पर मंगोलिया, चौथे पर अफगानिस्तान और पांचवे पर भारत है। शुरूआत के सभी पांच देशों की हवा की गुणवत्ता खराब है। भारत का गाजियाबाद दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है।दिल्ली, नोएडा, गुरूग्राम, ग्रेटर नोएडा, बंधवारी, लखनऊ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, बागपत, जींद, फरीदाबाद, पटना, पलवल, जोधपुर, मोरादाबाद, सिरसा, यमुना नगर की हवा की क्वालिटी खराब स्तर पर है।

प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नया अभियान लांच किया है “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ”। इसके तहत दिल्लीवालों से अपील की गई है कि वह रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद रखें। इससे ईंधन की बचत होने के साथ प्रदूषण स्तर में भी कमी आएगी। ‘अभियान लांच करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में इस वक्त करीब एक करोड़ वाहन पंजीकृत हैं। यदि ट्रैफिक सिग्नल पर रोज 10 लाख वाहन बंद होते हैं, तो एक साल में पीएम-10 करीब 1.5 टन और पीएम 2.5 करीब 0.4 टन कम उत्सर्जित होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑफिस आने-जाने में एक गाड़ी रेड सिग्नल पर रोज औसतन 15 से 20 मिनट रुकती है। इस दौरान करीब 200 मिली लीटर तेल की खपत होती है। गाड़ी बंद रखने पर साल में 7000 रुपये की बचत भी हो सकती है।

रेड लाइट पर चालू हालत में गाड़ी खड़ी करने को आइडलिंग कहते हैं, सर्दियों में आइडलिंग के दौरान गाड़ी से निकलने वाला धुआं नीचे बैठ जाता है और प्रदूषण को बढ़ावा देता है।

रेड लाइट के दौरान गाड़ी बंद करने के लिए कहने को किसी अभियान की आवश्यकता नहीं है। इसे तो हर व्यक्ति को अपना धर्म मान कर अपनाना चाहिए। बहुत लोग पहले से ऐसा करते चले आ रहे हैं। दिल्ली हो या देश का कोई भी क्षेत्र प्रदूषण रोकने और हवा को साफ रखने के लिए हमें संकल्पित रहना ही होगा।

– सर्वज्ञ शेखर

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x