ब्रज में 40 दिन के होली उत्सव की धूम शुरू: जानिए कब कब क्या होगा

चालीस दिन तक चलने वाला ब्रज होली महोत्सव शुरू हो चुका है। इसी के साथ होली के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालु मथुरा पहुंचने लगे हैं। ब्रज में बसंत पंचमी पर होली का ढांडा गढ़ने के साथ ही ब्रज के लगभग सभी मंदिरों में होली महोत्सव की शुरुआत हो जाती है। बरसाना में होने वाली विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली के बारे में कौन नहीं

आगरा में पर्यावरण जागरण की एक अनूठी पहल

शादी कार्ड जो पौधा बन जाएगा आगरा। शादी के निमंत्रण पत्र कार्ड प्रायः लोग कार्यक्रम के उपराँत फेंक देते है। परंतु आगरा के एक परिवार ने अपने सदस्य की शादी में अनूठी पहल की है जिससे कार्ड को फेंकने की आवश्यकता तो होगी ही नहीं वरन उसका बाद में उपयोग भी हो सकेगा। स्वाधीनता सेनानी करुणेश परिवार के पुत्र सहित्यसाधक सर्वज्ञ शेखर के अनुसार यह कार्ड उनके भतीजे अभिनन्दन (पुत्र

करुणेश जी की स्मृति सहेजेगा दिल्ली का नेहरू मेमोरियल म्यूजियम

आगरा। स्वाधीनता संग्राम सेनानी रोशनलाल गुप्त करुणेश की स्मृतियों को दिल्ली का नेहरू मेमोरियल म्यूजियम सहेजेगा। नेहरु स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum & Library (NMML)) नयी दिल्ली स्थित एक संग्रहालय एवं पुस्तकालय है। यह तीन मूर्ति भवन के प्रांगण में स्थित है। इसकी स्थापना 1964 में जवाहरलाल नेहरू के देहान्त के उपरान्त की गई। यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था है।इसका लक्ष्य है

त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र?

भारत में तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं, गाँधी जयंती, स्वतँत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। 26 जनवरी को सारा राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। मैं शुरू से ही इस बात का पक्षधर हूँ कि राष्ट्रीय पर्वों पर अपने गौरवशाली इतिहास को याद किया जाए, अच्छे माहौल में धूमधाम से मनाया जाए जैसे हम धार्मिक पर्वों व अपने व्यक्तिगत दिवस मनाते हैं। परँतु आज आए एक समाचार ने सारे उत्साह

सप्ताहांत: सेल्फ गोल-लापरवाही

स्वराज्य टाइम्स ईरान ने अपनी इस गलती को मान लिया है कि यूक्रेन के जिस विमान में विस्फोट से 176 यात्रियों की मौत हो गई थी वह उस की ही गलती से क्रेश हुआ था। ईरान की मिसाइल ने ही ईरान के विमान को भूल से मार गिराया। ईरान ने बड़ी आसानी से इसे भूल कह दिया, लेकिन 176 निर्दोष लोगों की जान क्या इतनी सस्ती है कि केवल ‘भूल’

सप्ताहांत: ऐसी खुशी किस काम की

एक जनवरी को सुबह जब घर के दरवाजे को खोला तो सामने गोमाता अपने बछड़े के साथ खड़ी दिखाई दे गई।गोमाता के प्रातःकालीन दर्शन, वह भी नव वर्ष के पहले दिन, मन मस्तिष्क में अपार खुशी का संचार हो गया।इतनी प्रसन्नता हुई जैसे सारे संसार के सुख मिल गए हों। यह सत्य घटना है और इसका वर्णन केवल इस बात को रेखांकित करने के लिए किया है कि खुशी बाहर

नव वर्ष तुम आ तो रहे हो…

नव वर्ष तुम आ तो रहे होक्या क्या नया लाओगे संग,क्या बदलोगे दशा देश कीदे नई खुशियाँ और उमँग। बदलेगा पञ्चाङ्ग कलेंडरदिनांक आएगा बस नया,नया नहीं हुआ कुछ भी तोफिर कैसे नव वर्ष हो गया। चंदा सूरज वही रहेंगेतारों में वो ही टिमटिम,वही सुहाना मौसम होगावारिश होगी वही रिमझिम। पतझड़ होगा फूल खिलेंगेपुष्पित पल्लवित चमन रहेंगे,मधुमास की मादक मस्तीझूम-झूम भँवरे झूमेंगे। उसी दिशा में प्रवाहित होगीकलकल निनादिनी की धारा,मन्दिर मस्ज़िद

बीस-बीस के लिए कुछ सोचा क्या?

बीस-बीस, जी हाँ, नव वर्ष 2020 दस्तक दे रहा है। क्या कुछ सोचा है कि नए साल में क्या नया करना है, क्या पुराना छोड़ना है। नए वर्ष पर नया रेसोल्यूशन या संकल्प करने की भी एक प्रथा बहुत समय सेचली आ रही है। यह प्रथा अच्छी है। सभी को कोई भी एक बुराई छोड़ने और एक नया अच्छा काम शुरू करने का संकल्प लेना चाहिए। संकल्प की प्रक्रिया में

सप्ताहांत: आखिर आप क्या क्या बंद करेंगे

सतर्कता मूलक उपाय के रूप में पहली बार जब उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था तो इसका हमने बीमारी से निज़ात पाने के लिए एक कड़वी दवा के रूप में स्वागत किया था। हालांकि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में इंटरनेट पर रोक से होने वाली परेशानियों व आर्थिक क्षति के बारे में काफी कुछ कहा गया।पर इस वृहस्पतिवार को जब दूसरी बार पुनः