साधु-संतों की रक्षा करो सज्जनों को न दो संताप

संतों की निर्मम हत्या सेशोकमग्न है देश हमारा।नर नहीं नरपिशाच हैं वोसाधुओं को जिन्होंने मारा।हत्यारे और संरक्षक उनकेपाएँ सजा कठोर सभी,पुनरावृत्ति होने न पाएऐसी घटना की फिर कभी। अफवाहों को न फैलाओऔर न भरोसा करो उन पर,उत्तेजित, आक्रोशित न होनाइधर-उधर की बातें सुन कर।भीड़ हिंसा अपराध जघन्य हैनिरपराध की हत्या है पाप,साधु-संतों की रक्षा करोसज्जनों को न दो संताप। – सर्वज्ञ शेखर

सप्ताहांत: कोरोना के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे ये योद्धा

“जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहींकाम करने की जगह बातें बनाते हैं नहींआज कल करते हुए जो दिन गँवाते हैं नहींयत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहींबात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिएवे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए ।” सुप्रसिद्ध कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध ने इन पंक्तियों की रचना करीब 75 वर्ष पूर्व की थीं परंतु आज भी कोरोना के

प्रधानमंत्री का नया सूत्र: “वयं राष्ट्रे जागृयाम”…

3 मई तक लौकडाउन बढ़ाने की घोषणा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यजुर्वेद की एक सूक्ति “वयं राष्ट्रे जागृयाम” को उद्धृत करते हुए कहा “पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। जहां हैं वहां रहें, सुरक्षित रहें। “वयं राष्ट्रे जागृयाम” यानी हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।” यह पूरी उक्ति है वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता:।” यजुर्वेद के नवें अध्याय के

सप्ताहांत: रहिमन विपदा हू भली, जो थोरे दिन होय

महाभारत का एक प्रसंग अनायास ही स्मृति पटल पर आ गया। महाभारत की प्रचलित कथाओं में से एक के अनुसार युद्ध खत्म होने के बाद श्री कृष्ण जब द्वारिका लौटने लगे तो भारी मन से पांडव अपने परिवार के साथ भगवान कृष्ण को नगर की सीमा तक विदा करने आए। सब की आँखों में आँसू थे। भगवान एक-एक करके अपने सभी स्नेहीजनों से मिल रहे थे। अंत में अपनी बुआ

पंद्रह अप्रैल का सूर्य उगेगा नव उमंग-उत्साह लिए

कोरोना कोरोना कोरोनासारे दिन बस एक ही रोना,छोड़ो भी बस बहुत हो गयाअब कोई और बात करो ना। ताली-थाली-दिया टोटकोंसे भी नहीं बन रहा काम,घर के अंदर बंद रह करभज रहे बस प्रभु का नाम। कर्मशील, कर्मठ भारतवासीनाकारा रह सकते नहीं,पर लौकडाउन के नियमों सेचाह कर भी बच सकते नहीं। पंद्रह अप्रैल का सूर्य उगेगानव उमंग-उत्साह लिए,एक-एक दिन यूँ ही कट रहाजैसे आजादी की चाह लिए। भाग कोरोना भाग जल्दीबहुत

सप्ताहांत: आपत्ति काले मर्यादा नास्ति

कोरोना के विरुद्ध युद्व में 21 दिन के लॉकडाउन का आधा समय बीत चुका है और अब दस दिन शेष रह गए हैं। कुछ अपवादों को छोड़कर लॉकडाउन का भारत की जनता ने समझदारी से व दृढ़ता से पालन किया। इसी लिए हमारे देश में अन्य देशों की अपेक्षा इस महामारी का प्रसार कम हो पाया। इन पँक्तियों के लिखे जाने तक 2000 लोग भारत मे संक्रमित हैं। इनमें से

अंतर्मन का दीप जलाओ

अंतर्मन के दीप जला करअज्ञानता का तम हरो,कोरोना से बचने को मित्रोनिर्देशों का मान करो।कोविड के जीवाणु काअंत करेगा बस विज्ञान,सामाजिक दूरी रखने परही बस देना अपना ध्यान।दीप जलाओ मानवता काभूखों को कुछ दे दो अन्न,सहायता का दीप जला करमजदूरों को करो प्रसन्न।दीप जलाओ अदब तहजीब काचिकित्सकों का करो सम्मान,दीप जलाओ अनुशासन काकरो न किसी का भी अपमान।दीप जला कर गोदामों मेंरोको कालाबाजारी को,बेईमानी करने से रोकोदीप दिखाओ व्यापारी को।कोरोना

पहली अप्रैल से क्या-क्या बदलेगा जानिए

नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने के साथ एक अप्रैल, 2020 से अनेक नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं।हम आपको दस ऐसे नियमों की जानकारी दे रहे हैं जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जु़ड़े हुए हैं और आप पर भी सीधे प्रभाव डालेंगे। इनमें बैंकों के विलय से लेकर जीएसटी रिटर्न के नियमों में होने वाला बदलाव शामिल है। ये हैं – नया आयकर नियम: 1 अप्रैल 2020

सप्ताहांत: क्वारंटाइन हमारे लिए नई अवधारणा नहीं है

कई वर्ष पूर्व की बात है। मैंने अपने मित्र के साथ माता वैष्णोदेवी के दर्शन का कार्यक्रम बनाया। सही समय पर रेलवे स्टेशन पहुँच गए, पता लगा ट्रेन 15 मिनिट लेट है। थोड़ी देर में घोषणा हुई कि आधा घण्टा, फिर 2 घण्टे और धीरे-धीरे करके ट्रेन 18 घण्टे देरी से आई। रेलवे वाले इस चतुराई के लिए जाने जाते हैं कि वो कभी कभी ट्रेन की देरी की सूचना

ई एम आई कम करें और नए लोन दें: कोरोना के विरुद्ध युद्ध में अब बारी बैंकों की

कोरोनावायरस के कारण लॉक डाउन की वजह से लोगों को दिक्कत नहीं हो, इसके लिए आर बी आई ने लोन के भुगतान में राहत देने और लोन सस्ता करने के फैसले किए हैं। टर्म लोन की किश्त के भुगतान में तीन महीने की राहत दी गई है। रेपो रेट में भी 0.75% कमी की गई है। इससे सभी तरह के लोन सस्ते होंगे। रेपो रेट पहले 5.15% था, अब 4.40%

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