हे राम! गांधी के भारत में महिलाओं से इतनी क्रूरता

bapu gandhi

जब भी 2 अक्टूबर आता है, बापू के रामराज्य की कल्पना मन- मस्तिष्क में चलचित्र की भांति घूम जाती है। परंतु इस बार की गांधी जयंती बापू के रामराज्य के सर्वथा विपरीत नारी अत्याचार की खबरें ले कर आई। बापू ने सदैव नारी सम्मान, सुरक्षा, शिक्षा पर बल दिया। वह महिलाओं को अबला कहने का घोर विरोध करते थे। वह महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले अधिक सुदृढ़ और सहृदय मानते थे। उनकी यह धारणा उनके आचरण, लेखों तथा व्याख्यानों में अनेक बार प्रकट हुई। एक लेख में उन्होंने कहा “यदि मैं स्त्री रूप में पैदा होता तो मैं पुरुषों द्वारा थोपे गए हर अन्याय का जमकर विरोध करता।”

परंतु उत्तर प्रदेश में हाथरस और बलरामपुर में निर्भयाओं के साथ बलात्कार व क्रूरता की दिल दहला देने वाली घटनाओं ने गांधी जी के सपनों पर पानी फेर दिया है। अपराधों के आंकड़े जारी करने वाली संस्था एनसीआरबी के मुताबिक देश भर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है और यह वृद्धि लगभग सभी राज्यों में हुई है। एनसीआरबी के मुताबिक देश भर में साल 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59,849 मामले दर्ज किए गए।महिलाओं के खिलाफ अपराधों में यह लगातार तीसरे साल बढ़ोत्तरी हुई है। 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,29,243 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज हुए थे।

महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों में हत्या, बलात्कार, दहेज हत्या, आत्महत्या के लिए उकसाना, एसिड हमले जैसे अपराध शामिल हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है जबकि महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में इस तरह के 56,011 जबकि महाराष्ट्र में 31,979 मामले दर्ज किए गए।

एनसीआरबी इसके मुताबिक, यूपी में हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला दर्ज हो रहा है। 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि, महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध दर्ज हुए। औसतन हर दिन 62 मामले सामने आए। 2017 में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तब कुल 56,011 अपराध दर्ज किए गए थे। एनसीआरबी ने 2018 के बाद कोई भी अपराध का आंकड़ा नहीं जारी किया।

हाथरस और बलरामपुर की घटनाओं से पूर्व लखीमपुर खीरी में दुष्कर्म के बाद एक बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। ग्रेटर नोएडा की रहने वाली अमेरिकी छात्रा सुदीक्षा भाटी की बुलंदशहर में छेड़खानी से बचने के दौरान सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वहीं, गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को इसलिए गोली मारी गई थी, क्योंकि उसने अपनी भांजी के साथ हो रही छेड़खानी की घटना की शिकायत पुलिस से की थी। उत्तर प्रदेश में महिला अपराध से जुड़े मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जबकि, पुलिस का दावा है कि अपराध में कमी आई है।

हमारे लिए कितनी शर्म की बात है कि 2018 में जारी ग्लोबल एक्सपोर्ट के एक पोल में बताया गया कि भारत महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे ख़तरनाक देश है। इस पोल के नतीज़ों से यह बात सामने आई है कि यौन हिंसा और महिलाओं को नौकरानी बनाने में भारत सबसे आगे है। यह पोल थॉमसन-रॉयटर्स फ़ाउंडेशन की तरफ़ से महिला मुद्दों पर काम करने वालीं 550 महिला विशेषज्ञों के साथ किया गया था।पोल में पाया गया कि भारत महिला सुरक्षा के मामले में युद्धग्रस्त अफ़ग़ानिस्तान और सीरिया से भी पीछे है। महिलाओं के लिए सबसे ख़तरनाक देश भारत है और उसके बाद अफ़ग़ानिस्तान और सीरिया है. इसके बाद सोमालिया और सऊदी अरब का नंबर है।

– सर्वज्ञ शेखर

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