आज 23 मई है, मान लीजिये

ऐसा कीजिये, आप यह कल्पना कीजिये कि आज 23 मई है। चुनाव परिणाम लगभग आ चुके हैं और विभिन्न दलों के नेता लोग क्या प्रतिक्रिया प्रकट कर रहे हैं। हम आपको 23 मई के दो दृश्य दिखा रहे हैं।

प्रथम दृश्य

टी वी चैनलों के एग्जिट पोल परिणामों को यदि सही मान लिया जाए तो एन डी ए की वापसी हो रही है और नरेंद्र मोदी पुनः प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।

तो सबसे पहले देखिये मोदी जी पत्रकारों से बातचीत में क्या कह रहे हैं – देखिये मैंने तो पहले ही कह दिया था देश की जनता का भरपूर प्यार और आशीर्वाद इस सेवक को मिला है। मुझे पूरा विश्वास था कि देशभक्त जनता राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भाजपा का समर्थन करेगी। मैं अपने प्यारे देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि चुनावी रैलियों की कडुवाहट को भूल कर पहले से ज्यादा अच्छी चौकीदारी करूंगा।

पत्रकार जब राहुल गांधी के पास पहुंचे तो वह बोले मैं शीघ्र ही छुट्टी मनाने विदेश जाऊंगा और चिंतन मनन अध्ययन करूंगा कि ऐसा कैसे हुआ। मुझे लगता है कि हम अपनी बात जनता तक नही पहुचां पाए। फिर भी हमें इस बात का संतोष है कि हमारी सीटें पहले से ज्यादा बढ़ी हैं। वोट शेयर भी बढ़ गया है। प्रियंका के प्रचार में कोई कमी नही थी। वह जहाँ जहाँ गईं कोंग्रेस के वोट बढ़े हैं वैसे भी उनको 2022 में उत्तरप्रदेश में कोंग्रेस को वापस लाने का जिम्मा दिया गया था। हमें जनता का आदेश स्वीकार है और कोंग्रेस मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाते हुए चौकीदार को चोरी नहीं करने देगी।

अखिलेश यादव और मायावती ने संयुक्त पत्रकार वार्ता की और बहनजी ने प्रेस विज्ञप्ति पढ़ कर सुनाई। एन डी ए की जीत में ई वी एम का पूरा पूरा रोल है। हम तो इस बारे में पहले ही चुनाव आयोग से शिकायत कर चुके हैं, पर अंधा और बहरा चुनाव आयोग मोदी और शाह के अलावा किसी की सुनता ही नही है। इसके तुरंत बाद उन्होंने अखिलेश यादव की ओर इशारा कर दिया। अखिलेश बोले, देखिये धोखे से बनी यह सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नही है। हमने उत्तर प्रदेश में उनकी सीटों को 73 से घटा कर 35 कर दिया, महागठबंधन की यह बहुत बड़ी जीत है।

उधर कोलकाता में ममता बनर्जी गुस्से में फुंफकार रहीं हैं। इन लोगों ने झूठ बोल कर गुंडागर्दी करके यह सरकार बनाई है। मैं मोदी को कभी प्रधानमंत्री नही मानूंगी और न ही कभी रोसुगुल्ला खिलाऊंगी। बंगाल में मैंने अपनी ताकत उन लोगों को दिखा दी है। मैं कल पूरे मंत्रिमंडल के साथ दिल्ली जा रही हूँ और चुनाव आयोग के सामने धरना दे कर पूरे देश मे दोबारा चुनाव की मांग करूंगी।

यह था पहला दृश्य। अब दूसरा दृश्य देखिये।

सारे ओपिनियन पोल और एक्जिट पोल परिणामों को उलटते हुए त्रिशंकु लोकसभा बनने के आसार नजर आ रहे हैं। एनडीए की सीटें बहुमत से कम अर्थात 240 पर आकर अटक गईं हैं और बाकी दलों ने अपने अपने क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है। बंगाल में दीदी को 35 और भाजपा को 5, कोंग्रेस को 2 सीट मिली हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा को 25, सपा को 35, बसपा को 15 और कोंग्रेस को 5 सीट मिली हैं। उड़ीसा में बीजू पटनायक, आंध्र में चन्द्रबाबू नायडू, बिहार में नीतीश कुमार की पार्टियां भाजपा से आगे निकल गईं हैं।

23 मई को सबसे पहले जब पत्रकार मोदी जी से मिलने पहुँचे तो अधिकारियों ने बताया वह अभी ध्यानमग्न हैं, आप अमित शाह से मिल लीजिए। अमित शाह ने पत्रकारों से संपर्क किया तो वह बोले अभी हम परिणामों का अध्ययन कर रहे हैं। संसदीय बोर्ड की बैठक शीघ्र ही आहूत होगी, जो भी निर्णय होगा आप लोगों को सूचित कर दिया जाएगा। मेरा आपलोगों से विनम्रतापूर्वक निवेदन है कि कृपया मुझे आराम करने दें, मैं बहुत थका हुआ हूँ।
तभी पत्रकारों को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा मिल गए, बधाई हो पात्रा जी, आप तो विजयी हो गए परन्तु आपकी पार्टी….. देखिये यह कोई हार नही है। हमारी पार्टी सबसे बड़े विजेता दल के रूप में उभरी है, सरकार बनाने का मौका तो हमको ही मिलना चाहिए। समान विचारधारा वाले दल और नाराज होंकर चले गए लोकसभा सदस्य हमारे संपर्क में हैं। एक दो दिन में कोई निर्णय अवश्य हो जाएगा, पर सरकार हमारी ही बनेगी। जनता का मेंडेट हम को ही मिला है।

अब बारी आई राहुल गांधी की। पत्रकारों से बोले भाइयो पहले बोलो चौकीदार…..। देखिये मेरी बात पर और न्याय योजना पर भारत की जनता ने भरोसा किया है। हमारे पास सरकार बनाने लायक नम्बर्स नही हैं। पर हमारी सभी गैर भाजपा दलों से बात चल रही है।

नीतीश कुमार जी आप बदले बदले से नजर आ रहे हैं, पटना में पत्रकार बोले। नही नही, मेरे विचार धारा 370, और 35 ए पर पहले की तरह ही हैं। मैं गोडसे पर प्रज्ञा के बयान का घोर विरोध करता हूँ। आप देखिये मैंने तो सभाओं में मोदी जी के कहने पर भी वन्दे मातरम नही बोला। वैसे मैं तो उसी दल को समर्थन दूंगा जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा।

मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनरजी और चंद्रबाबू नायडू के टेलीफोन लगातार बिजी जा रहे थे। ये लोग लगता है आपस में बात कर रहे हैं जोड़तोड़ की सरकार बनाने के लिये। तो ये हैं दोनों परिदृश्य जो 23 मई को रहने वाले हैं।

– सर्वज्ञ शेखर

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