सप्ताहांत – 22 सितम्बर, 2019

स्वराज्य_टाइम्स, 22 सितंबर, 2019 यह सप्ताह आगरा के लिऐ बड़ा ही भाग्यशाली रहा। यह सप्ताह आगरा के लिए अत्यंत उल्लेखनीय व महत्वपूर्ण रहा। आगरा के खिलाड़ी, सैनिक और साहित्यकार राष्ट्रीय क्षितिज पर छाए रहे। आज का सप्ताहांत इन विभूतियों को ही समर्पित है। सर्वप्रथम क्रिकेटर ध्रुव जुरैल ने खुश खबरी भेजी। अंडर – 19 यूथ एशियन चैंपियनशिप जीतने के बाद पहली बार 17 सितंबर को जब ध्रुव जुरैल आगरा पहुंचे

हिंदी दिवस: वाद-विवाद प्रतियोगिता – सरस्वती विद्या मंदिर, कमला नगर, आगरा

हिंदी दिवस के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर, कमला नगर आगरा में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुझे मुख्य अतिथि व निर्णायक मण्डल के सदस्य के रूप में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। विद्यालय के प्रबंधक श्री विजय गोयल जी का एतदर्थ आभार। प्रतियोगिता के विषय सामयिक व ज्वलन्त थे। मोबाइल, सोशल मीडिया, राजभाषा हिंदी, home work, peer pressure, जैसे विषयों पर विद्यार्थियों ने प्रभावी अभिव्यक्ति दी। लगभग एक हज़ार

क्या हिंदी दिवस मनाना एक विडम्बना है?

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।। आधुनिक हिंदी साहित्य के जन्मदाता भारतेंदु हरिश्चंद्र की इन पँक्तियों के अनुरूप निज भाषा के प्रचार प्रसार व संरक्षण के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हमारा देश हिंदी दिवस का आयोजन करता है। इस अवसर पर सरकारी कार्यालयों, बैंकों, प्रतिष्ठानों

हिंदी

राष्ट्र प्रेम, राष्ट्र सद्भावराष्ट्रीय अस्मिता है हिंदी,एक राष्ट्र एक भाषा कीप्रतीक कविता है हिंदी।माँ भारती के भाल परससम्मान सुशोभित सीसाहित्य के आकाश परप्रकाशित सविता है हिंदी। – सर्वज्ञ शेखरकवि, आगरा Hindi Rashtra prem, rashtr sadbhav,Rashtreey asmita hai Hindi,Ek Rashtr ek bhasha ki,Pratik kavita hai Hindi.Maan bharati ke bhal par,Sasamman sushobhit si,Sahitya ke aakash par,Prakashit Savita hai Hindi. – Sarwagya Shekhar, Poet, Agra

राजधानी दिल्ली में आगरा के साहित्यकारों का सम्मान

आगरा। आगरा के साहित्यकारों ने दिल्ली में एक बड़े साहित्यिक कार्यक्रम में भाग ले कर आगरा शहर का नाम रोशन किया। अवसर था राष्ट्रीय स्तर की संस्था ‘आगमन’ के सप्तम स्थापना दिवस पर आयोजित पुस्तक विमोचन, सम्मान व काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का। नेहरू नगर स्थित डी ए वी कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में आगरा के साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर गुप्ता, अलका अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, ज्ञानेश शर्मा व शरद अग्रवाल ने

कल फिर कामयाब होंगे

आज नहीं तो क्या हुआकल फिर कामयाब होंगे,धरती से ले कर चाँद तकबस हम और हम ही होंगे। कोई बात नहीं वैज्ञानिकोयह भी नया सबक है,ऊंचाई पर उठने को कियाप्रयास आपने भरसक है। – सर्वज्ञ शेखर कवि, साहित्यकार We will succeed again, Tomorrow What happened today if not, Tomorrow will be successful, From the earth to the moon, It will be just us and us. Never mind scientists, This is

आगरा के गौरव: काव्य शिरोमणि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

आज आगरा नगर सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की 22 वी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है। आगरा को यह गौरव प्राप्त है कि माहेश्वरी जी जैसे वरिष्ठ साहित्यकार ने यहाँ जन्म लिया और संपूर्ण देश में आगरा का नाम रोशन किया। द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी बाल गीतायन को रचकर बच्चों के गांधी के नाम से मशहूर हो गए। बाल गीतायन में उन्होंने बच्चों को 176 कविताओं का तोहफा

त्राहि-त्राहि

त्राहि-त्राहि मचा रही हैअतिवर्षा और भारी बाढ़,जलमग्न सड़कें, घर पुल सारेआपदाओं का बना पहाड़।योजनाएं हर साल बनती हैंसमस्याओं के निदान की,बाढ़ जाते ही बंद हो जातीसारी फाइलें समाधान की। – सर्वज्ञ शेखर Save Our Soul Traahi-traahi macha rahi haiAtivarsha aur bhaari baadh,Jalamagn sadaken, ghar pul saareAapadaon ka bana pahaad.Yojanaen har saal banati hainSamasyaon ke nidan ki,Baadh jaate hee band ho jaati,Sari filen samadhan kee. – Sarwagya Shekhar

हैप्पी बर्थडे किशन कन्हैया

लड्डू गोपाल उदय पर्व हैजन्माष्टमी की बेला पावन,मंदिर-मंदिर, घर चौबारेडले हिंडोले मनभावन।गोवर्धनधारी, बंशी बजैयासारे जग के झूला झलैया,स्वयं झूल रहे हैं पलना मेंहैप्पी बर्थडे किशन कन्हैया। – सर्वज्ञ शेखर Happy Birthday Kishan Kanhaiya Laddoo gopaal uday parv hai,Janmashtami ki bela pavan,Mandir-mandir, ghar chaubare,Dale hindole manabhavan,Govardhanadhaari, banshe bajaiya,Sare jag ke jhoola jhalaiya,Svayan jhool rahe hain palana mein,Happy Birthday Kishan Kanhaiya. – Sarwagya Shekhar

वो भूली सी याद आई है

जिस गोष्ठी में डॉ सोम ठाकुर, श्री रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉ त्रिमोहन तरल, श्री अशोक रावत, एस एस यादव जी जैसे देश विदेश में ख्यातिप्राप्त कवि, गीतकार, गज़लगो उपस्थित हों, उस महफ़िल की शाम कितनी साहित्यिक ऊंचाइयों पर होगी, इसकी कल्पना करना ही आनन्दित कर देता है। समय और मौसम की परवाह किए बिना देर शाम तक तालियों की तेज गड़गड़ाहट के बीच इन वरिष्ठ साहित्यकारों को प्रबुद्ध श्रोता सुनते