सर्वज्ञ शेखर आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान से विभूषित

आगरा। गाजियबाद में 27 वें अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन के अवसर पर भारत सरकार,मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत ( नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया) ने 13 अक्तूबर 2019 को एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में आगरा के साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। गोष्ठी में सर्वज्ञ शेखर ने “स्वातंत्र्योत्तर हिंदी साहित्य में राष्ट्र चेतना” विषय पर अपने विचार प्रकट

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राष्ट्र प्रेम, राष्ट्र सद्भावराष्ट्रीय अस्मिता है हिंदी,एक राष्ट्र एक भाषा कीप्रतीक कविता है हिंदी।माँ भारती के भाल परससम्मान सुशोभित सीसाहित्य के आकाश परप्रकाशित सविता है हिंदी। – सर्वज्ञ शेखरकवि, आगरा Hindi Rashtra prem, rashtr sadbhav,Rashtreey asmita hai Hindi,Ek Rashtr ek bhasha ki,Pratik kavita hai Hindi.Maan bharati ke bhal par,Sasamman sushobhit si,Sahitya ke aakash par,Prakashit Savita hai Hindi. – Sarwagya Shekhar, Poet, Agra