26 जनवरी को क्या करेंगे, तिरँगा झंडा फहरायेंगे या करेंगे ध्वजारोहण?

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर तिरँगा झंडा फहराने की तैयारियाँ पूरी हो गईं हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराने में क्या अंतर होता है।

संविधान के मुताबिक, देश में कोई भी व्यक्ति कभी भी, कहीं भी राष्ट्रीय ध्वज बिना किसी दबाव के राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस ऐसे दो उत्सव हैं, जब पूरा देश एक साथ एक ध्वज के नीचे नजर आता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दोनों ही दिन तिरंगा फहराया जाता है, लेकिन तिरंगा फहराने में थोड़ा अंतर होता है।

15 अगस्त के दिन झंडा नीचे रहता है। फिर उसे नीचे बंधी रस्सी से खींचकर ऊपर ले जाया जाता है और फिर खोल कर फहराया जाता है जबकि गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी पर झंडा पहले ही ऊपर रहता है बस उसे खोलकर फहराया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराए जाने को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं जबकि गणतंत्र दिवस के दिन झंडा फहराए जाने को झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहा जाता है।

15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जबकि 26 जनवरी के लिए देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 15 अगस्त पर न तो देश का संविधान लागू हुआ था और न ही राष्ट्रपति ने पदभार ग्रहण किया था।इसलिए 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। वहीं संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से और गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस के दिन परेड होती है जिसमें गणतंत्र दिवस पर देश अपनी सैन्य ताकत और संस्कृति की झलक दिखाता है, हालांकि स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा नहीं होता। गणतंत्र दिवस के दिन विदेशों से मुख्य अतिथि भी आते हैं जबकि स्वतंत्रता दिवस के दिन ऐसा नहीं होता।

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