पहचानिए डेंगू के मच्छर और बुखार को और जानिए बचाव के उपाय

बारिश के पानी के जमाव व गंदगी की वजह से आजकल मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर और गांवों में तमाम जगह पानी भरा हुआ है और वहां मच्छर पनप रहे हैं। इसकी वजह से डेंगू और मलेरिया का खतरा मंडरा है। मच्छरों के हमले ने लोगों को बीमार कर दिया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा वायरल फीवर के मरीज हैं। इनको

कार-बेकार हुईं : मंदी के अलावा कुछ और भी हैं कारण

कारों की बिक्री में लगातार हो रही गिरावट की खबरों के बीच जब अचानक मारुति सुजुकी ने अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट में 7 और 9 सितंबर को यात्री वाहनों का उत्पादन बंद रखने की घोषणा की तो लोगों को इस बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर होना पड़ा। बिक्री में गिरावट की वजह से मारुति ने पिछले 7 महीने में भी प्रोडक्शन घटाया था। कंपनी ने अगस्त में

ध्रुव जुरैल: कारगिल युध्द सैनिक का बेटा क्रिकेट में रोशन कर रहा है आगरा का नाम

अंडर – 19 यूथ एशियन चैंपियनशिप जीतने के बाद पहली बार कल शाम 17 सितंबर को जब ध्रुव जुरैल आगरा पहुंचे तो उनके निवास डिफेंस कॉलोनी के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। उनके कोच परवनेंद्र यादव का भी इस अवसर स्वागत किया गया। ध्रुव जुरैल ने कहा कि उनकी सफलता का श्रेय उनके पिता नेम सिंह जुरैल और मां रजनी जुरैल को है। शहरवासियों का आशीर्वाद भी हमेशा उनके

सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति : कुछ विकल्प तो हो

आगरा शहर सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए कटिबद्ध हो रहा है। अनेक सामाजिक व पर्यावरण संस्थाओं ने इस संबंध में मुहिम चला रखी है। आगरा में रामलीला महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली जनकपुरी के आयोजकों ने जनकपुरी के 3 दिवसीय समारोह को प्लास्टिक फ्री रखने का निर्णय किया है। आगरा में 11 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित होने जा रहे वृहद पुस्तक मेले व साहित्योत्सव

हिंदी दिवस: वाद-विवाद प्रतियोगिता – सरस्वती विद्या मंदिर, कमला नगर, आगरा

हिंदी दिवस के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर, कमला नगर आगरा में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुझे मुख्य अतिथि व निर्णायक मण्डल के सदस्य के रूप में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। विद्यालय के प्रबंधक श्री विजय गोयल जी का एतदर्थ आभार। प्रतियोगिता के विषय सामयिक व ज्वलन्त थे। मोबाइल, सोशल मीडिया, राजभाषा हिंदी, home work, peer pressure, जैसे विषयों पर विद्यार्थियों ने प्रभावी अभिव्यक्ति दी। लगभग एक हज़ार

क्या हिंदी दिवस मनाना एक विडम्बना है?

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।। आधुनिक हिंदी साहित्य के जन्मदाता भारतेंदु हरिश्चंद्र की इन पँक्तियों के अनुरूप निज भाषा के प्रचार प्रसार व संरक्षण के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हमारा देश हिंदी दिवस का आयोजन करता है। इस अवसर पर सरकारी कार्यालयों, बैंकों, प्रतिष्ठानों

हिंदी

राष्ट्र प्रेम, राष्ट्र सद्भावराष्ट्रीय अस्मिता है हिंदी,एक राष्ट्र एक भाषा कीप्रतीक कविता है हिंदी।माँ भारती के भाल परससम्मान सुशोभित सीसाहित्य के आकाश परप्रकाशित सविता है हिंदी। – सर्वज्ञ शेखरकवि, आगरा Hindi Rashtra prem, rashtr sadbhav,Rashtreey asmita hai Hindi,Ek Rashtr ek bhasha ki,Pratik kavita hai Hindi.Maan bharati ke bhal par,Sasamman sushobhit si,Sahitya ke aakash par,Prakashit Savita hai Hindi. – Sarwagya Shekhar, Poet, Agra

राजधानी दिल्ली में आगरा के साहित्यकारों का सम्मान

आगरा। आगरा के साहित्यकारों ने दिल्ली में एक बड़े साहित्यिक कार्यक्रम में भाग ले कर आगरा शहर का नाम रोशन किया। अवसर था राष्ट्रीय स्तर की संस्था ‘आगमन’ के सप्तम स्थापना दिवस पर आयोजित पुस्तक विमोचन, सम्मान व काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का। नेहरू नगर स्थित डी ए वी कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में आगरा के साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर गुप्ता, अलका अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, ज्ञानेश शर्मा व शरद अग्रवाल ने

कल फिर कामयाब होंगे

आज नहीं तो क्या हुआकल फिर कामयाब होंगे,धरती से ले कर चाँद तकबस हम और हम ही होंगे। कोई बात नहीं वैज्ञानिकोयह भी नया सबक है,ऊंचाई पर उठने को कियाप्रयास आपने भरसक है। – सर्वज्ञ शेखर कवि, साहित्यकार We will succeed again, Tomorrow What happened today if not, Tomorrow will be successful, From the earth to the moon, It will be just us and us. Never mind scientists, This is

दया करो हे विघ्न विनाशक

प्रथमपूज्य, लंबोदर प्रभु जीस्वागत स्वागत हे गजाननजय जय एकदंत गजवदनाआओ, पधारो हमारे आंगन,रोग शोक को दूर भगाओरिद्धि सिद्धि दायक विनायक,सुख समृद्धि मय हो देश हमारादया करो हे विघ्न विनाशक। – सर्वज्ञ शेखर Jai Ganesha Prathampujya, Lambodar Prabhu Ji,Svaagat svaagat he Gajaanan,Jai Jai Ekadant Gajavadana,Aao, padhaaro hamaare aangan,Rog shok ko door bhagao,Riddhi Siddhi daayak Vinaayak,Sukh Samrddhi maya ho desh hamara,Daya karo he Vighn Vinashak. – Sarwagya Shekhar

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