तुलसी जयन्ती

07 अगस्त को नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा मानस भवन में तुलसी जयंती समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि क मु विद्यापीठ के निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीधर थे व विशिष्ट अतिथि थे मुख्य वन संरक्षक आनंद श्रीवास्तव। वरिष्ठ साहित्यकार रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी, अशोक रावत, केप्टन व्यास चतुर्वेदी, डॉ. नीलम भटनागर, सर्वज्ञ शेखर, डॉ. ख़ुशी राम शर्मा, डॉ चंद्रशेखर शर्मा, भुवनेश श्रोत्रिय ने भी अपने सारगर्भित व्याख्यान देते हुए तुलसी और

इन्हें जल दो, दो न जला

धरती सूखी,नदिया सूखी,सूखे ताल तलैया,जल्दी आओ बरखा रानी,कर दो छप छप छैया। रूठ गया कलरव चिड़िया का,छूट गई कौवे की काँव,कुहू कुहू कोयल न बोले,वीरान हुआ है पूरा गांव। वर्षा ने सुखाया,हमने दुखाया,हरे-भरे वृक्षों का देखो,क्या हाल है,सबने बनाया। यह कैसी मन्नत पूजन है,बना दिया है कूड़ादान,सिंचन पोषण छोड़ दिया,यह कैसा इनका सम्मान। इन्हें जल दो, दो न जला,तब ही सृष्टि का,होगा भला।हरा-भरा रखने से इनको,होगी दूर सारी बला। –

चाँद और चाँद की आदतें

यह आत्म मुग्धता नहीं, केवल विषयक आवश्यकता के कारण ही उध्दृत कर रहा हूँ। मुझसे प्रायः मेरे वरिष्ठ अधिकारी पूछा करते थे, तुम तनाव में भी इतना कैसे मुस्करा लेते हो,चेहरे पर चमक बनाये रखते हो। मैं उत्तर देता था,मैं चांद की भांति हूँ । चांद में अपनी कोई चमक नहीं होती वरन वह सूर्य से प्रकाश ले कर चमकता है। इसी प्रकार मैं आप(अधिकारियों) की खुशी से खुश रहता

आगरा लिट्रेचर क्लब

18 जून 2019 को आगरा में साहित्यिक,सांस्कृतिक व सामाजिक दायित्वों के प्रति संकल्पित एक नई संस्था #आगरालिट्रेचरक्लब (A L C) ने जन्म लिया। लॉन्चिंग सेरेमनी में सहभागी होने का मुझे भी अवसर प्राप्त हुआ। ALC के सभी संस्थापक सदस्यों को बधाई व उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं। -सर्वज्ञ शेखर

विमोचन – ए नदी सुनो, खुशबुएँ सूखे फूलों की

11 जून को वरिष्ठ कवयित्री व साहित्यकार डॉ उर्मिला अनुमा जी की दो पुस्तकों #एनदीसुनो और #खुशबुएँसूखेफूलोंकी, का विमोचन हुआ। मुझे इस अवसर पर पुस्तक #खुशबुएँसूखेफूलोंकी, की समीक्षा प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेंद्र मिलन ने की। साहित्यकार चिंतक व भविष्य निधि आयुक्त डॉ राजीव पाल, कोटा से पधारे श्री रामेश्वर शर्मा रामू भैया, डॉ शशि गोयल, श्री सुशील सरित, डॉ अशोक अश्रु,

आगमन प्रतियोगिता चित्र पर लिखो: विजेता

आपको यह सूचित करते हुए प्रसन्नता है कि आगमन प्रतियोगिता -38, विषय- चित्र पर लिखो, विधा- गद्य में मुझे विजेता घोषित किया गया है। चित्र व आलेख प्रस्तुत है – यह विडंबना ही है कि लगभग 75 प्रतिशत भूभाग जलच्छादित होते हुए भी हमारा देश भयंकर जल संकट से गुजर रहा है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि गांवों में कूए, ताल, तलैया, नदियां सब सूख गए हैं, और

बोलते चित्र

आज अलका अग्रवाल जी की पुस्तक #बोलते_चित्र के विमोचन के अवसर पर अपनी प्रस्तुति व काव्य पाठ का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की सदस्या आदरणीया (डाॅ.) निर्मला दीक्षित जी रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय त्रि मोहन तरल जी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार अशोक रावत,शांति नागर, आगमन के संस्थापक पवन जैन,संस्कार भारती के संस्थापक आदरणीय राज बहादुर राज जी, पुस्तक

साहित्य संगीत संध्या

12 मई को सुर आनन्द सभागार में साहित्य संगीत संध्या के अवसर पर काव्य पाठ का अवसर प्राप्त हुआ । वरिष्ठ कविगण डॉ राजेन्द्र मिलन, इंजीनियर सुरेंद्र बंसल, श्री सुशील सरित,श्री अशोक अश्रु, श्री शीलेन्द्र वशिष्ठ, श्री परमानन्द शर्मा, एलेश अवस्थी, श्रीमती सविता मिश्रा, श्रीमती रमा वर्मा, श्रीमती माया अशोक, प्रशांत देव मिश्र,प्रेम रजावत आदि का सानिध्य प्राप्त हुआ।

कविगोष्ठी

सुर आनन्द और शब्दोत्सव के संयुक्त तत्वावधान में 10 मई को एक शानदार कविगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ कुसुम चतुर्वेदी ने की। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवियों डॉ त्रिमोहन तरल, राजेन्द्र वर्मा सजग, रमेश पण्डित, डॉ रुचि चतुर्वेदी, राजेन्द्र मिलन, अशोक अश्रु, सुशील सरित, इंजीनियर सुरेंद्र बंसल, भरतदीप माथुर, राकेश निर्मल, अलका अग्रवाल, मीनू आनन्द, कांची सिंघल, डा. सलीम अहमद एटवी, गया प्रसाद मौर्य, दीक्षा

चुनावों में महाभारत

दुख, शोक, जब जो आ पड़े, सो धैर्य पूर्वक सब सहो, होगी सफलता क्यों नहीं कर्त्तव्य पथ पर दृढ़ रहो।।अधिकार खो कर बैठ रहना, यह महा दुष्कर्म है;न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दण्ड देना धर्म है।इस तत्व पर ही कौरवों से पाण्डवों का रण हुआ,जो भव्य भारतवर्ष के कल्पान्त का कारण हुआ।।सब लोग हिलमिल कर चलो, पारस्परिक ईर्ष्या तजो,भारत न दुर्दिन देखता, मचता महाभारत न जो।। – मैथिलीशरण गुप्त आजकल चुनावों